वर्तमान जुगलबंदी राजनीतिक प्रक्रिया

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खुद की रिपोर्ट टी न्यूज़ वर्ल्ड: –
प्रिय पाठक वर्ग,
वर्तमान परिस्थितियों एक जुगलबंदी के हालातों पर गुजर रहा है इंसान। अपना देश की तरीके की शपथ लेने पर लोगों को अपनी तरफ खींचते हैं, लेकिन वह जब अपना पावर समता में तब वह सब कुछ शपथ भूल जाते हैं, बेबाक की बात है, हर कोई शख्स अपना पेट भरने की तरक्की में मजा लूट रहा है। भाड़ में जाए जनता पेट भरा तो अपना बनता, पॉलीटिशियन जनकल्याण की बात करते हैं, मगर वो तो अपना स्वार्थ की भागीदार बन जाते हैं। अगर कोई भलाई करना चाहता है तो जवाब देकर उनको रोक देते हैं यह है इंसान की फितरत की जिंदगी।
राजनीति एक ऐसा खेल है-जहां पर इंसान को टोल- मॉल की क्षमता रखते हैं-!
झूठ की व्यापार है-वर्तमान राजनीति।
इसमें पॉलिटिकल पढ़ने की कोई जरूरत नहीं है, इतना सस्ता है कि कोई भी शख्स पढ़ाकू हो या अनपढ़ हो। सब कुछ चलेगा राजनीति में सब कुछ जायज है भाई। ईशा फिर ना मुसाफिर सबसे बड़ा है पैसा पीर।
यह फिल्मी की कहावत नहीं है आज हकीकत में बदल गया है।
जब भी देते हैं ऊपर वाला छप्पर फाड़ कर देते हैं मिलियन, बिलियन, डॉलर इतना भी पैसा हमारे देश से कहीं लोग लूट के बाहर ले जाते हैं-, क्यों चुप है जनता–? यह समझ में नहीं आता; क्या हो गया शौक शौक होता है क्यों। इंसानियत, ईमान, विवेक बुद्धि भाड़ में बंद किया है इंशा बाजारों में। लगभग लक सट्टा डॉन।

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